NEP 2020: भारत में नई शिक्षा नीति का क्रियान्वयन और नवीनतम अपडेट (2024–2025)
भारत की नई शिक्षा नीति एनईपी 2020 का उद्देश्य शिक्षा को अधिक आधुनिक, कौशल-आधारित और लचीला बनाना है। यह नीति 34 वर्षों बाद लागू की गई और आज भारत की पूरी शिक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव लाने का काम कर रही है।
स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में इसका क्रियान्वयन लगातार चरणों में जारी है।
शिक्षण को कौशल-आधारित बनाना
विद्यार्थियों पर परीक्षा का दबाव कम करना
डिजिटल व व्यावसायिक शिक्षा को बढ़ावा
मातृभाषा/स्थानीय भाषा को शिक्षा का माध्यम बनाना
अनुसंधान और नवाचार पर जोर
शिक्षकों को आधुनिक प्रशिक्षण उपलब्ध कराना
यह मॉडल राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शिक्षा प्रणालियों के अनुरूप बनाया गया है।
Foundational Stage (5 वर्ष)
Preparatory Stage (3 वर्ष)
Middle Stage (3 वर्ष)
Secondary Stage (4 वर्ष)
कई राज्यों में यह मॉडल लागू हो चुका है, और शेष राज्यों में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है।
कक्षा 5 तक मातृभाषा/स्थानीय भाषा में पढ़ाई का प्रावधान कई राज्यों में लागू किया जा चुका है। इससे सीखने की क्षमता में सुधार हो रहा है।
कौशल शिक्षा जैसे—
Coding
Artificial Intelligence
Financial Literacy
Robotics
Vocational Skills
कई स्कूलों में लागू कर दी गई है।
भारत के कई विश्वविद्यालयों में 4 वर्षीय स्नातक कार्यक्रम शुरू हो गए हैं।
इसमें Multiple Entry-Exit System (MEES) लागू है, जिससे छात्र अपनी पढ़ाई में लचीलापन पा रहे हैं।
अब छात्र अपने क्रेडिट डिजिटल रूप से जमा कर सकते हैं और भविष्य में उपयोग कर सकते हैं।
यह सिस्टम अधिकांश विश्वविद्यालयों में सक्रिय है।
कई केंद्रीय और निजी विश्वविद्यालयों में प्रवेश CUET के माध्यम से हो रहा है।
यह कदम शिक्षा में पारदर्शिता और समान अवसर प्रदान करता है।
ऑनलाइन शिक्षा का दायरा तेजी से बढ़ रहा है।
इंजीनियरिंग, साइंस और टेक्निकल छात्रों के लिए वर्चुअल लैब्स उपलब्ध कराई गई हैं।
ऑनलाइन + ऑफलाइन का मिश्रित मॉडल कई संस्थानों में लागू हो रहा है।
एनईपी 2020 भारतीय शिक्षा में सबसे बड़ा परिवर्तन है। इसका क्रियान्वयन लगातार प्रगति पर है और आने वाले वर्षों में शिक्षा का पूरा ढांचा अधिक आधुनिक, कौशल-आधारित और छात्र-केंद्रित बनने जा रहा है।